Devchandra Thakur
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Saturday, October 16, 2021
वर्षो बाद भी ...
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वर्षो बाद भी ... अचानक से चाल धीमा हो गया, मानो कदम आगे बढ़ना ही नहीं चाहता है| मगर कदम रुक भी नहीं रहा, शायद दिल रुकना भी नहीं चाहता है। श...
1 comment:
Friday, July 12, 2019
शुकुन
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बस रोशनी ज्यादा है ए शहर तेरे गलियों में, मेरे गाँव मे अंधेरा ही सही, सुकून लाजबाव का है। #Dev
Monday, June 24, 2019
बारिश
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शराब और शायरी
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Narajgi...
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Sunday, June 16, 2019
अकेला
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हम खुशियो के रास्तो में कुछ इस कदर कांटे बोते रहे, कभी जाने में तो कभी अनजाने में दोस्तो को खोते रहे। अकेलेपन में जब खुद को डूबते देख खोजन...
जख्म
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जिंदगी में मिला हर जख्म भर ही जाते है, डर भी यही है , कही जिंदगी से मिला हर जख्म भर न जाये।
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