हम खुशियो के रास्तो में कुछ इस कदर कांटे बोते रहे, कभी जाने में तो कभी अनजाने में दोस्तो को खोते रहे। अकेलेपन में जब खुद को डूबते देख खोजने निकला दोस्ती का शाया, कमबख्त बदनाम मयखाने में भी खुद को अकेला पाया।। #dev
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