Tuesday, April 24, 2018

कौन कहता कि खुदा ,भगवान , अल्लाह बिकता नही है,
एक बार पूछो उससे जिसे सालो के मेहनत के बाद हर साल पता चलता है कि एग्जाम का प्रश्न तो किसी ने खरीद लिया है ,
एक बार पूछो उससे जिसे पता चलता है इंटरव्यू बिना पैसा खर्च किये हजारो में ,मिलने वाला नही है।
एक बार पूछो उससे जिसके बेटी की डोली , चंद सिक्को के खातिर नही उठती
एक बार पूछो उससे जिसे सड़ा बीज बोकर खेती करना पड़ता है ।
एक बार पूछो उससे जो सुबह से रात काम कर भी बच्चों को 2 वक्त का रोटी नही दे पाता ।
एक बार पूछो उससे जिसका बिरधा पेंसन के सो सो रुपये भी आधी देने पे मिलती है ।
एक बार पूछो उससे जिसके घर के लोग 100 रुपये के इलाज़ के बिना दम तोड़ देते है ।
एक बार पूछो उससे जो चंद पैसो के लिए दुनिया छोड़ देते है ।
एक बार पूछो उससे जो एक नौकरी के लिए जीना छोड़ देते है ,
भगवान बिकता रोज है,
हा , भगवान बिकता रोज है ,
कभी मजबूरी बन कर ,
कभी किसी अमीर के शौख के लिए ।
कभी गरीब को तरसाने के लिए।
कभी मजलुमो को तड़पाने के लिए।
भगवान बिकता है, रोज बिकता है।
देवचन्द्र ठाकुर

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