Tuesday, April 24, 2018

मेरी रचना :
धीरे धीरे पढियेगा ।
उन सपनों के टूटने का दर्द नही होता जो अपने लिए देखते है ।
दर्द तो उन सपनों के टूटने का होता है जो अपनो के लिये देखते है ।
लोग कहते है कि इस बड़ी दुनिया मे खोजने पे सब कुछ मिल जाता है ,
मगर लाख खोज लो वो कभी नही मिलते जो एक बार इसे छोड़ के जाता है।
आज मेहनत करो कल पैसे होंगे , बड़े गाड़ी में तुम घूम लोगो ,
मगर खुशी तो तब मिलती जब उसे उसपे घुमाता जो बचपन मे कंधे पे घूमाता था।
लोग कहते है कि जिंदगी अपने अंदाज में जीना चाहिए ,
मगर पता नही उन्हें हम लोग तो ऊपर वाले के सर्कस के कठपुतले है , लाठी के चोट पे नाचते है ।
एक सवाल आपके जबाब के प्रतीक्षा मे ,
अगर उतरना है जंग ऐ मैदान में तो क्या नियम और क्या कायदा ,
जब होगा वही जो होने वाला है , तो हाय भगवान हाय भगवान से क्या फायदा ।
देवचन्द्र ठाकुर

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